Monday, December 27, 2010

बर्फीली रात



रात में गिरती हुई बर्फ 
मानो आसमा से कोई 
सब सितारे समेटकर 
मुट्ठी में मसलते हुए 
बिखेर रहा हो ,,
कहीं सेंटाक्लोस  तो  नहीं ?

सफ़ेद  चादर ओढ़े 
चांदी सी दमकती हुई रात ...
सीने में ढंडक सी भरती
आँखों में उजाला सा करती 
 मानो चांदनी आज 
CLOSUP टूथ पेस्ट को 
Advertise करने निकली है :)
 
जो भी है मगर ये रात कि सफेदी 
ऐसी महसूस होती है जैसे 
अब तक जिस चाँद के 
नूर को दूर से निहारते थे 
उसकी आगोश में आज 
पनाह मिल गयी हो !! 





7 comments:

  1. आँखों में उजाला सा करती
    मानो चांदनी आज
    CLOSUP टूथ पेस्ट को
    Advertise करने निकली है :)

    वाह ..क्या बिम्ब लायी हो ...बहुत खूबसूरत नज़्म

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  2. वाह वंदना जी
    बिलकुल नया ही अंदाज़ !
    प्रशंसनीय !

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  3. वंदना जी,

    बर्फीली रात.......विषय बहुत अच्छा था....पर माफ़ कीजिये मुझे ये पोस्ट आपकी बाकि पोस्टों के मुकाबले में कहीं भी नज़र नहीं आई.......आपके ब्लॉग के अनुरूप नहीं लगी........नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें आपको|

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  4. वाह..closeup....
    hi hi hi...

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  5. सुन्दर भावाव्यक्ति।

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  6. वंदना जी
    नमस्कार !
    ..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती

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तुम्हे जिस सच का दावा है  वो झूठा सच भी आधा है  तुम ये मान क्यूँ नहीं लेती  जो अनगढ़ी सी तहरीरें हैं  कोरे मन पर महज़ लकीर...